लड़ो मत, जागो!

और जब मन पर बोध गहन हो जाता है तो वासनाएं, विचार अपने आप विदा हो जाते हैं, लड़ना नहीं पड़ता। जो लड़ा वह तो हारा। जो जागा वह जीता।